मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार विस्तार हो रहा है। ‘मोहन सरकार’ अगले शैक्षणिक सत्र में 5 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने जा रही है। बुधनी, मंडला, श्योपुर, सिंगरौली और राजगढ़ में कॉलेज खुलने से 750 सीटें बढ़ जाएंगी। साथ ही 12 नए प्राइवेट कॉलेज भी खुलेंगे। जिला अस्पतालों से संबद्धता के बाद खुलने वाले निजी कॉलेजों में 1200 सीटें रहेंगी। 1950 मेडिकल सीटें बढ़ने से MBBS की पढ़ाई करने वाले छात्रों का भविष्य संवरेगा। MP में डॉक्टरों की कमी भी दूर होगी। लोगों को बेहतर इलाज भी मिलेगा। 17 नए कॉलेज खुलते ही MP में कुल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 47 हो जाएगी।
इन जिलों में खुलेंगे प्राइवेट मेडिकल कॉलेज
बता दें कि MP में 2003 तक सिर्फ 5 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। 20 साल में 12 नए मेडिकल कॉलेज खुले। अब एक साथ फिर 5 सरकारी और 12 निजी मेडिकल कॉलेज खुलेंगे। निजी कॉलेज पीपीपी मोड पर खोले जाएंगे। कटनी, टीकमगढ़, बालाघाट, धार, सीधी, खरगोन, पन्ना, बैतूल, भिंड, नर्मदापुरम्, देवास और मुरैना में निजी मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।
एमपी के इन जिलों में हैं मेडिकल कॉलेज
बता दें कि अभी एमपी के 17 जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सागर, शहडोल, विदिशा, रतलाम, दतिया, खंडवा, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, सतना, सिवनी, मंदसौर और नीमच को मेडिकल कॉलेज की सौगात मिल चुकी है। सरकारी कॉलेजों में मेडिकल की कुल 2180 सीटें हैं। प्राइवेट की 1950 सीटें मिलाकर कुल सीटों की संख्या 4130 है।
नए कॉलेज खुलने पर टॉप-10 में आ जाएगा एमपी
देशभर में सबसे ज्यादा 72 मेडिकल कॉलेज तमिलनाडु में हैं। 70 मेडिकल कॉलेज के साथ कर्नाटक दूसरे नंबर पर है। 68 मेडिकल कॉलेजों के साथ उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है। मध्यप्रदेश फिलहाल 30 मेडिकल कॉलेज हैं। एमपी का नंबर देश में 10वां है। अगले साल 47 मेडिकल कॉलेज होने पर एमपी इस सूची में छठवें स्थान पर पहुंच जाएगा।