मोक्षदा एकादशी पर पितरों की शांति के लिए करें ये काम, मिलेगा उनका आशीर्वाद

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी माना जाता है। इस बार मोक्षदा एकादशी इस बार 11 दिसंबर को पड़ रही है. कहा जाता है इस व्रत को रखने से भक्तों को सभी पापों से मुक्ति प्राप्त होती है तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी के चलते इसे मोक्षदा एकादशी कहते हैं। पितरों को भी मोक्ष दिलाने हेतु मोक्षदा एकादशी का व्रत करने को कहा जाता है. जो कोई भी मोक्षदा एकादशी का व्रत करता है उसके पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा लोगों को पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है. वही इस दिन किए गए कुछ कार्यों से पितरों को शांति मिलती हैं.

पितरों को शांति दिलाने के लिए करें ये काम
मोक्षदा एकादशी पर व्रत और प्रभु श्री विष्णु की पूजा करनी चाहिए.
मोक्षदा एकादशी पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना और नहाना चाहिए.
इस दिन अपने घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करना चाहिए.
इस दिन गंगाजल एवं पंचामृत से भगवान विष्णु का अभिषेक करना चाहिए.
इस दिन प्रभु श्री विष्णु को पीतांबर वस्त्र, फल, पीले फूल और मिठाई चढ़ानी चाहिए.
इस दिन प्रभु श्री विष्णु को लगाए जाने वाले भोग में तुलसी अवश्य शामिल करनी चाहिए.
इस दिन प्रभु श्री विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी का भी पूजन होना चाहिए.
इस दिन ‘नारायण कवच’ का पाठ करना या सुनना चाहिए.
इस दिन ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करना चाहिए.
इस दिन गरीबों में भोजन और धन दान करना चाहिए. साथ ही मक्का, चावल, गेहूं, मूंगफली, गुड़ और गर्म कपड़ों का भी दान देना चाहिए.
इस दिन पीपल के वृक्ष के नीचे दिया जलाकर 11 बार उसकी परिक्रमा लगानी चाहिए.
इस दिन पीपल के वृक्ष के नीचे बैठना चाहिए. वहां बैठकर विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करना लाभकारी होता है.

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