आज मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा है. इस दिन पूर्णिमा व्रत रखने का विधान है. आज कई शुभ नक्षत्र और योग भी बन रहे हैं. जिसमें व्रत करने से पुण्य लाभ कई गुणा बढ़ जाएगा. कहते हैं कि जो जातक सच्चे मन से भगवान सत्यनारायण की आराधना करते हैं, उनके जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं. आज हम मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत के बारे में विस्तार से बताते हैं.
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, आज दिन मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है. आज चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे और पूर्व में दिशाशूल रहेगा. आज रोहिणी नक्षत्र बन रहा है, जिसे शुभ माना जाता है. इसके साथ ही 4 शुभ योग अमृत सिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि, साध्य और सिद्ध योग भी बन रहे हैं. जिससे आज का दिन बहुत खास बनने वाला है.
कब से शुरू होगी मार्गशीर्ष पूर्णिमा
धार्मिक विद्वानों के अनुसार, आज शाम 4.58 बजे से पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी. चूंकि पूर्णिमा का चंद्रोदय आज ही होगा, इसलिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत भी आज ही रखा जाएगा. आज शाम को भद्रा भी लग रही है लेकिन उसका वास स्वर्ग रहेगा, इसलिए धरती पर उसका कोई प्रभाव नहीं रहेगा और आप निसंकोच होकर आज शुभ कार्य कर सकते हैं.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर 4 शुभ मुहूर्त
आज मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5.17 बजे से 6.11 बजे तक था. जबकि अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:55 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक रहेगा. दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त सुबह 8:23 बजे से सुबह 9:41 बजे तक होगा. जबकि अमृत लाभ देने वाला सर्वोत्तम मुहूर्त दोपहर 2:51 बजे से शाम 4:08 बजे तक माना जाएगा.
कैसे रखें मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत?
आज पूर्णिमा व्रत पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके आप भगवान सत्यनारायण की पूजा करें और उनकी कथा सुनें. रात के समय चंद्रमा को जल में दूध और सफेद मिलाकर अर्घ्य दें. साथ ही चंद्रमा की स्तुति करें. ऐसा करने से कुंडली से चंद्र दोष दूर हो जाता है. शाम को मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करके उनसे आशीर्वाद मांगें.
चूंकि आज के दिन शनिवार व्रत भी है. लिहाजा शमी के पेड़ की पूजा करना न भूलें और जरूरतमंदों को काले तिल, काली उड़द, स्टील के बर्तन, गरीबों को अन्न, कंबल, दवाई या लोहा प्रदान करें. ऐसा करने से शनि दोष दूर हो जाता है और शनि देव आशीर्वाद देते हैं.