महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के 21 दिन बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी कैबिनेट का विस्तार किया। यह शपथ ग्रहण समारोह नागपुर विधान भवन में आयोजित किया गया। इसमें अब तक 33 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। पिछली बार नागपुर में ऐसा आयोजन 21 दिसंबर 1991 को हुआ था, जब कांग्रेस के मुख्यमंत्री सुधाकरराव नाइक ने अपनी कैबिनेट का विस्तार किया था। आशंका जताई जा रही थी कि भाजपा के 20-21, शिवसेना के 11-12 और एनसीपी-अजित गुट के 9-10 विधायकों को मंत्री पद मिल सकता है।
ढाई साल बाद नए चेहरों को मिलेगा मौका
अब तक कुल 33 विधायकों ने बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ लिया। अजित पवार ने कहा कि शपथ लेने वाले मंत्रियों का कार्यकाल ढाई साल का होगा, जिसके बाद नए चेहरों को मौका मिलेगा। आगे चलकर महायुति गठबंधन के अन्य विधायकों को मौका दिया जाएगा।
मंत्री बनने वाले नेताओं की सूची
भाजपा कोटे से- चंद्रशेखर बावनकुले, गिरीश महाजन, मंगल प्रभात लोढ़ा, नीतेश राणे, जयकुमार गोरे, अशोक उइके, आकाश फुंडकर।
शिवसेना कोटे से- उदय सामंत, संजय शिरसाट, जयकुमार रावल, प्रकाश आबेटकर, भरत गोगावले।
एनसीपी-अजित गुट से- धनंजय मुंडे, हसन मुश्रीफ, अदिति तटकरे, बाबासाहेब पाटिल, पंकजा मुंडे।
2014 में महिला एवं बाल विकास मंत्री रहीं पंकजा मुंडे ने भी इस बार कैबिनेट में वापसी की है। उनके भाई धनंजय मुंडे को भी मंत्री बनाया गया है। शिवाजी महाराज के वंशज को मंत्री पद छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज शिवेंद्र राजे भोसले ने भी इस समारोह में मंत्री पद की शपथ ली। वहीं, योगेश कदम, इंद्रनील नाईक, मेघना बोर्डिकर, पंकज भोयर, आशीष जैसवाल और माधुरी मिसाल ने बतौर राज्य मंत्री शपथ लिया।
नागपुर में क्यों हुआ शपथ ग्रहण
महाराष्ट्र की विधानसभा के दो भवन हैं– एक मुंबई में और दूसरा नागपुर में। आमतौर पर विधानसभा का बजट और मानसून सत्र मुंबई में आयोजित होता है, जबकि शीतकालीन सत्र नागपुर में होता है। 16 दिसंबर से नागपुर में विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है। इसी वजह से यह कैबिनेट विस्तार समारोह नागपुर में आयोजित किया गया। 33 साल बाद नागपुर में हुए इस शपथ ग्रहण समारोह ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ा।