फ्रांसीसी क्षेत्र मायोट में तूफान का कहर, 14 लोगों की मौत

पेरिस। फ्रांस के हिंद महासागरीय क्षेत्र मायोट में आए चिडो तूफान से 14 लोगों की मौत हो गई।
220 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के कारण पेटीट-टेरे द्वीप पर सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। अधिकारियों ने द्वीप पर रेड अलर्ट जारी किया।

फ्रांस ने राहत एवं बचाव कार्यों में मदद के लिए 140 नागरिक सुरक्षा सैनिकों और अग्निशमन कर्मियों सहित अतिरिक्त बल भेजा है। इनके रविवार को मायोट पहुंचने की उम्मीद है।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि फ्रांस मायोट के लोगों के लिए ‘वहां मौजूद रहेगा।’

फ्रांसीसी अधिकारियों ने कहा कि 250 अग्निशमन कर्मी और सुरक्षाकर्मी द्वीपों पर भेजे जाएंगे, जिनमें से कुछ पहले ही पहुंच चुके हैं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने फ्रांसीसी मीडिया बीएफएम टीडब्ल्यू के हवाले से बताया कि अंतर-मंत्रालयी संकट बैठक के बाद, फ्रांस के आंतरिक मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ ने मीडिया को बताया कि “स्थिति खतरनाक और असाधारण है।” हालांकि, उन्होंने फिलहाल किसी निश्चित मानवीय क्षति का खुलासा नहीं किया।

उनके कार्यालय ने फ्रांसीसी मीडिया को बताया कि सोमवार को उनका मायोत का दौरा करने का कार्यक्रम है।

बता दें कि उष्णकटिबंधीय तूफान चिडो एक छोटा लेकिन शक्तिशाली तूफान है जो वर्तमान में मोजाम्बिक के लिए भी खतरा है।

यह तूफान पश्चिम की ओर बढ़ता जा रहा है। तेज गति से बढ़ने के बाद, चिडो ने 11 दिसंबर को मॉरीशस के अगालेगा में लैंडफॉल बनाया। अगले दिन इसकी तीव्रता चरम पर थी।

उत्तरी मेडागास्कर से गुजरने के बाद, चिडो कुछ समय के लिए कमजोर हुआ, लेकिन जल्दी ही अपनी तीव्रता वापस पा ली।

तूफान ने 14 दिसंबर को बांद्राबौआ, मायोटे के पास दूसरी बार लैंडफॉल बनाया। उस दिन बाद में फिर से थोड़ा कमजोर हो गया।

मायोट को शुरू में बैंगनी अलर्ट (उच्चतम स्तर) के तहत रखा गया था और ‘आपातकालीन सेवाओं सहित पूरी आबादी के लिए सख्त लॉकडाउन’ लगा दिया गया था। बाद में बैंगनी को लाल अलर्ट में बदल दिया गया।

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