राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार (26 दिसंबर) को राष्ट्रपति भवन में 17 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया। इन बच्चों को अद्भुत प्रतिभा और साहस के लिए यह पुरस्कार दिया। इस बार पुरस्कार के लिए 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 9 लड़कों और 10 लड़कियों समेत कुल 19 बच्चों को चुना गया था। पुरस्कार कला-संस्कृति, बहादुरी, नवाचार, विज्ञान-तकनीक, सामाजिक कार्य, खेल और पर्यावरण जैसे सात क्षेत्रों में दिए गए हैं। पुरस्कार समारोह में दो बच्चे उपस्थित नहीं रहे। उन्हें बाद में यह पुरस्कार दिया जाएगा। बता दें कि यह पुरस्कार बच्चों को प्रोत्साहन देने के लिए शुरू किया गया है।
बिहार के गोल्डी और सौरभ ने किया कमाल
बिहार के नालंदा की दिव्यांग गोल्डी कुमारी को राष्ट्रपति ने खेल श्रेणी में सम्मानित किया। गोल्डी ने थाईलैंड में आयोजित वर्ल्ड पैरा ओलंपिक यूथ गेम्स में स्वर्ण और रजत पदक जीते। वहीं, शेखपुरा के 9 वर्षीय सौरभ कुमार को बहादुरी के लिए सम्मानित किया गया। सौरभ ने तीन लड़कियों को तालाब में डूबने से बचाया। ये उदाहरण दिखाते हैं कि कैसे भारत के युवा हर क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया बच्चों का हौसला बढ़ाया
दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित ‘वीर बाल दिवस’ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरस्कार विजेता बच्चों से मुलाकात की। बच्चों ने प्रधानमंत्री के सामने अपनी उपलब्धियों के किस्से साझा किए। इस दौरान एक बच्चे ने प्रधानमंत्री के लिए एक गीत भी गाया, जिसने माहौल को जीवंत कर दिया। प्रधानमंत्री ने बच्चों को प्रेरणा देते हुए कहा कि उनकी उपलब्धियां देश को गर्व का अनुभव कराती हैं।
कब हुई थी राष्ट्रीय बाल पुरस्कार देने की शुरुआत
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की शुरुआत 1996 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए सम्मानित करना है। 5 से 18 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिक इस पुरस्कार के लिए पात्र होते हैं। हर विजेता को एक लाख रुपये नकद, एक पदक और प्रमाण पत्र दिया जाता है। 2018 में इसमें बहादुरी के क्षेत्र में भी पुरस्कार जोड़ दिया गया।
यहां देखें बाल पुरस्कार से सम्मानित बच्चों की पूरी लिस्ट
नाम | राज्य | पुरस्कार श्रेणी |
आदित्य विजय ब्रम्हणे (मरणोपरांत) | महाराष्ट्र | वीरता |
अनुष्का पाठक | उत्तर प्रदेश | कला एवं संस्कृति |
अरिजीत बनर्जी | पश्चिम बंगाल | कला एवं संस्कृति |
हेतवी कांतिभाई खिमसूरिया | गुजरात | कला एवं संस्कृति |
इश्फाक हमीद | जम्मू-कश्मीर | कला एवं संस्कृति |
मोहम्मद हुसैन | बिहार | कला एवं संस्कृति |
पेंड्याला लक्ष्मी प्रिया | तेलंगाना | कला एवं संस्कृति |
सुहानी चौहान | दिल्ली | इन्नोवेशन |
आर्यन सिंह | राजस्थान | साइंस एंड टेक्नोलॉजी |
अवनीश तिवारी | मध्य प्रदेश | सामाजिक सेवा |
गरिमा | हरियाणा | सामाजिक सेवा |
ज्योत्सना आक्तर | त्रिपुरा | सामाजिक सेवा |
सैयम मजूमदार | असम | सामाजिक सेवा |
आदित्य यादव | उत्तर प्रदेश | खेल |
चार्वी ए | कर्नाटक | खेल |
जेसिका नेयी सारिंग | अरुणाचल प्रदेश | खेल |
लिंथोई चनांबम | मणिपुर | खेल |
आर सूर्य प्रसाद | आंध्र प्रदेश | खेल |
2023 में 11 बच्चों को मिला था यह पुरस्कार
पिछले साल 11 बच्चों को यह पुरस्कार दिया गया था। इनमें से एक को बहादुरी, दो को नवाचार, तीन को खेल और चार को कला एवं संस्कृति में सम्मानित किया गया। पुरस्कार विजेताओं में 5 लड़कियां और 6 लड़के शामिल थे। इस साल बच्चों की संख्या बढ़ाकर 17 की गई है। बाल पुरस्कार जीतने वाले बच्चों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का भी मौका मिला।