प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (4 जनवरी) को दिल्ली के भारत मंडपम में ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की थीम “विकसित भारत 2047 के लिए एक बेहतरीन ग्रामीण भारत का निर्माण” रखी गई है। इस महोत्सव का आयोजन 4 से 9 जनवरी तक किया जाएगा। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मेरा बचपन गांवों और कस्बों में बीता है, इसलिए मैं ग्रामीण समस्याओं को बारीकी से समझता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा, “गांवों की समस्याओं को हल करना मेरा सपना है।” इस मौके पर प्रधानमंत्री ने ग्रामीण कारीगरों से भी मुलाकात की।
सीमावर्ती गांवों के लिए वाइब्रेंट विलेज योजना
पीएम मोदी ने कहा कि देश के सीमावर्ती गांव देश के “प्रथम गांव” हैं। सरकार इन गांवों की स्थिति सुधारेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज योजना (Vibrant Village Scheme) के तहत इन सीमावर्ती गांवों को विकसित किया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि पहले इन्हें देश का आखिरी गांव माना जाता था, लेकिन हमारी सरकार ने इस सोच को बदल दिया है। अब इन गांवों को विकास का केंद्र बिंदु बनाया जा रहा है। इन गांवों में पानी, बिजली और सड़क जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है।
ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की पहल
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने हर वर्ग के लिए आर्थिक नीतियां बनाई हैं। पीएम मोदी ने इस मौके पर फसल बीमा योजना (Crop Insurance Scheme) को एक साल के लिए बढ़ाने की घोषणा की। पीएम मोदी ने कहा कि DAP खाद के बढ़ते दाम के बावजूद किसानों पर बोझ नहीं डाला गया। पीएम ने कहा, “हमारी सरकार किसानों की हर जरूरत का ध्यान रख रही है। सब्सिडी बढ़ाकर उनके कंधों से आर्थिक बोझ कम किया गया है।”
विश्वकर्मा योजना से ग्रामीण कारीगरों को फायदा
पीएम मोदी ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाले कारीगरों के लिए विश्वकर्मा योजना (Vishwakarma Scheme) शुरू की गई है। पीएम मोदी ने बताया कि लोहार, कुम्हार, और अन्य कारीगरों को नए उपकरण, स्किल ट्रेनिंग, और सस्ती दरों पर कर्ज की सुविधा दी जा रही है। इस योजना का उद्देश्य इन कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना है।