कुएं के मलबे में दबे मां-बेटे समेत तीनों मजदूरों की मौत, सीएम मोहन ने की 4-4 लाख सहायता देने की घोषणा

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित खूनाझिर खुर्द में कुआं गहरी करण के दौरान अचानक कुएं की मिट्टी धंसने से अंदर काम कर रहे मां-बेटे समेत तीनों मजदूरों को 22 घंटे बाद बाहर नहीं निकाला जा सका है। दुख की खबर ये सामने आई है कि, लंबी जद्दोजहद के बाद भी तीनों जिंदगियों को बचाया नहीं जा सका। हालांकि, शवों को कुएं से निकालने का कार्य अब भी जारी है। एनडीआरएफ की टीम शवों का रेस्क्यू करने में जुटी हुई है।

जिंदगी की जंग हारे तीनों मजदूरों को बचाने की उम्मीद 22 घंटे जारी रही, लेकिन दोपहर करीब 1.15 बजे अचानक कुएं से पानी रिसने लगा, जिसके लिए रेस्क्यू टीम ने तुरंत ही पंप लगाकर पानी निकालना शुरु किया। लेकिन, अचानक मिट्टी का बड़ा ढेर भराकर कुएं में गिरने से रेस्क्यू दल की उम्मीद पूरी तरह टूट गई। हालांकि, कुएं के मलब के बीच फंसी महिला सुबह 6 बजे तक बार-बार अंदर से बचाने की गुहार लगाती सुनाई दे रहीथी, लेकिन सुबह 6 बजे भी मिट्टी धसकी थी, जिसके बाद से ही महिला की आवाज आनी बंद हो गई थी।

इधर, मामले को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मजदूरों की मौत पर दुख व्यक्त किया है। यही नहीं, मृतकों के परिजन को 4-4 लाख रुपए आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा भी कर दी है। सीएम ने अपने आदिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा- छिंदवाड़ा जिले अंतर्गत ग्राम खूनाझिरखुर्द में निजी जमीन पर पुराने कुएं के गहरीकरण के दौरान मिट्टी धंसने से हुई दुर्घटना में 3 मजदूरों की असामयिक मृत्यु का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है।
पुलिस बल, होमगार्ड और एनडीआरएफ की टीम ने तुरंत रेस्क्यू कार्य शुरू कर मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने का हरसंभव प्रयास किया, परन्तु बचाया नहीं जा सका। नियमानुसार, शासन की ओर से सभी मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख की आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी। परमपिता परमात्मा दिवंगत आत्माओं को शांति और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करे, यही प्रार्थना करता हूँ।
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