वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी मानाई जाती है. इस साल षटतिला एकादशी का व्रत शनिवार 25 जनवरी को रखा जाएगा. धार्मिक परंपरा के अनुसार, इस एकादशी पर व्रत रखने के साथ ही तिल से जुड़े 6 प्रकार के शुभ कार्य किए जाते हैं. इसके अलावा इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान करने की परंपरा है. कहते हैं कि इस दिन तुलसी की पूजा भी विशेष शुभ फलदायी होती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि षटतिला एकादशी के दिन तिल से जुड़े किन 6 कार्यों को करना शुभ रहेगा.
एकादशी पर करें तिल से जुड़े ये 6 शुभ कार्य
तिल से स्नान- षटतिला एकादशी के दिन नहाने वाले पानी में काला तिल मिलाकर स्नान करना शुभ माना गया है.
तिल का उबटन- एकादशी के दिन तिल के उबटन का उपयोग शरीर पर करें.
तिल से हवन- षटतिला एकादशी के दिन तिल से हवन बहुत शुभ माना गया है.
तिल का भोजन में उपयोग- माघ कृष्ण एकादशी के दिन तिल से बनी चीजों का सेवन करना अच्छा माना गया है.
तिल का दान- एकादशी के दिन दान की परंपरा है. ऐसे में षटतिला एकादशी के दिन जरूरतमंदों को तिल का दान करें.
तिल से तर्पण- षटतिला एकादशी दिन काले तिल से पितरों का तर्पण करना शुभ माना गया है.
षटतिला एकादशी व्रत-विधि
षटतिला एकादशी के दिन सुबह भगवान विष्णु के सामने व्रत का संकल्प लें. पूरे दिन अन्न का त्याग करें और केवल फलाहार या तिल से बनी चीजों का सेवन करें. दिनभर भगवान विष्णु की कथा सुनें, मंत्र जपें और भक्ति करें. रात में जागकर भगवान विष्णु का ध्यान करें. अगले दिन (द्वादशी तिथि) जरूरतमंदों को भोजन कराएं, दान-पुण्य करें और फिर व्रत समाप्त कर भोजन ग्रहण करें.
षट्तिला एकादशी पर करें ये शुभ कार्य
षटतिला एकादशी के दिन व्रत के नियमों का पालन करते हुए मन शांत रखें. इसके साथ ही इस दिन झूठ, क्रोध और नकारात्मक विचारों से बचें. इसके अलावा इस दिन घर में क्लेश ना करें. गौशाला में धन का दान करें, गायों को हरी घास खिलाएं.
षटतिला एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि आरंभ- 24 जनवरी 2025 को शाम 7:25 बजे
एकादशी तिथि की समाप्ति- 25 जनवरी 2025 को रात 8:31 बजे
व्रत पारण का समय
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल षटतिला एकादशी का पारण 26 जनवरी 2025 को सूर्योदय के बाद किया जाएगा. इस दिन पारण के लिए शुभ समय सुबह 7 बजकर 12 मिनट से लेकर 9 बजकर 21 बजे तक रहेगा.