मध्य प्रदेश के पन्ना जिले से इस वक्त एक बड़े हादसे की खबर सामने आ रही है। जिले के सिमरिया थाना इलाके के अंतर्गत आने वाले पुरैना और पगारा गांव के बीच हरदुआ केन में स्थित जेके सीमेंट की फैक्ट्री में निर्माणधीन छत का स्लैब गिर गया है। मामले को लेकर पन्ना एसपी सांई कृष्णा एस थोटा ने हादसे में अबतक 3 लोगों की मौत की पुष्टि कर दी है जबकि 1 दर्जन से ज्यादा गंभीर घायल हैं। इनमें दो की हालत नाजुक बनी हुई है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि, फ्री हीटर की शटरिंग के नीचे 50 से ज्यादा मजदूरों के दबे होने की जानकारी सामने आई है। घटना के बाद पुलिस और बचाव दल का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
घटना स्थल पर मचा हड़कंप
प्रत्यक्ष सदस्यों के मुताबिक, सिमरिया थाना अंतर्गत पुरैना और पगारा के बीच हरदुआ केन में जे.के सीमेंट का दूसरा प्लांट बनाया जा रहा है। प्लांट की लाइन टू का काम रोजाना की तरह गुरुवार को भी चल रहा था। तभी दूसरे और तीसरे वाले की शटरिंग एकाएक भरभरा कर नीचे गिर गई। बताया जा रहा है कि इस दौरान नीचे बड़ी संख्या में मजदूर काम कर रहे थे, जो शटरिंग की चपेट में आ गए। हादसे में आधा सैकड़ा से ज्यादा मजदूर हताहत बताए जा रहे हैं। बड़ी संख्या में मजदूर दबे हुए भी बताई जा रहे हैं। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची। दबे मजदूरों को निकालने का कार्य चल रहा है।
108 एंबुलेंस को प्रवेश करने से रोका
सूचना पाकर एकीकृत रेफरल सेवा की 108 एम्बुलेंस हादसा स्थल में पहुंची। लेकिन जे.के सीमेंट प्लांट प्रबंधन ने 108 एंबुलेंस को परिसर के बाहर ही रोक दिया। प्रबंधन का कहना था घायलों की हम मदद कर रहे हैं। हमें और किसी के मदद की दरकार नहीं है। एंबुलेंस चालक ने प्रबंधन की स्वास्थ्य अधिकारियों से भी बात करना चाहा पर प्रबंधन के अधिकारियों ने फोन काट दिया।
एक दर्जन से अधिक मजदूरों की मौत की खबर सोशल मीडिया पर वायरल
सोशल मीडिया में आधा सैकड़ा से ज्यादा मजदूरों के हताहत और एक दर्जन से ज्यादा लोगों के मरने की खबर वायरल होने लगी है। इससे प्लांट में कार्यरत मजदूरों के परिजन परेशान हो गए हैं। हादसे के बाद प्रशासन और पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। सिमरिया थाना प्रभारी जगतपाल से हादसे के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने भी जवाब देने के बजाए फोन काट दिया।
आवाजहीं पर प्रतिबंध, मजदूरो और कर्मचारियों को किया बाहर
जे.के सीमेंट प्लांट प्रबंधन ने हादसे के बाद आवाजही पर प्रतिबंध लगा दिया। सभी गेटों पर सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए हैं। जब सोशल मीडिया पर हादसे की खबरें वायरल होने लगी तो मजदूर और छोटे कर्मचारियों को प्लांट से बाहर कर दिया गया है।