RTO के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा, चेतन और शरद 17 फरवरी तक जेल में रहेंगे, ED ने भी दिया पूछताछ करने का आवेदन

भोपाल: आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा की रिमांड खत्म होने पर लोकायुक्त की टीम उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 17 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सौरभ शर्मा के अलावा चेतन गौर और शरद जायसवाल को भी न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। सुनवाई के दौरान ईडी और आयकर विभाग (IT) के वकील भी कोर्ट रूम में थे। सुनवाई के दौरान किसी की ओर से सौरभ शर्मा की रिमांड लेने की मांग नहीं की गई। कोर्ट में पेश करने से पहले सौरभ शर्मा का मेडिकल चेकअप भी कराया गया, जिसके बाद उसे कोर्ट में सुनवाई के लिए भेजा गया।

17 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में सौरभ शर्मा

बता दें कि, RTO के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma in Judicial Custody), उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को मंगलवार दोपहर लोकायुक्त कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में एक घंटे चली सुनवाई के बाद न्यायाधीश आरपी मिश्रा ने तीनों आरोपियों को 17 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कोर्ट में ईडी और इनकम टैक्स के अधिकारी मौजूद रहे। केस को सुनने के लिए बड़ी संख्या में वकील भी मौजूद रहे।

3 फरवरी तक कोर्ट ने दी थी रिमांड

मंगलवार सुबह लोकायुक्त की टीम सौरभ, चेतन और शरद को लेकर मेडिकल चेकअप के लिए हमीदिया अस्पताल पहुंची। यहां से तीनों को दो गाड़ियों में कोर्ट ले जाया गया। पीछे के रास्ते से कोर्ट में दाखिल कराया। पेशी के बाद लोकायुक्त के अधिकारी इसी रास्ते से कोर्ट से बाहर निकले। सौरभ और चेतन को 28 जनवरी को लोकायुक्त ने कोर्ट में पेश कर 6 दिन की रिमांड पर लिया था, जबकि 29 जनवरी को शरद की 5 दिन की रिमांड दी गई थी।

ED ने जरूरत पड़ने पर पूछताछ की अनुमति मांगी

ईडी की ओर से कोर्ट में एक आवेदन लगाया गया है। इसमें जरूरत पड़ने पर तीनों आरोपियों से समय-समय पर जेल में पूछताछ की अनुमति मांगी गई है। कोर्ट ने फिलहाल इस आवेदन को सुनवाई के लिए रख लिया है।

कर्मचारी और रिश्तेदारों को बनाया जा सकता है आरोपी

सूत्रों के मुताबिक, अब लोकायुक्त मेमोरेंडम में सौरभ के अन्य कर्मचारी, रिश्तेदार और करीबी परिचितों को भी आरोपी बनाया जा सकता है। सौरभ की कंपनियों में 50 से अधिक कर्मचारी थे। जिनकी सूची लोकायुक्त ने तैयार कर ली है। सौरभ के 18 खास रिश्तेदारों को भी नोटिस दिया गया है।

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