इनकम टैक्स के बाद अब GST से राहत की उम्मीद, निर्मला सीतारमण ने रेट कटौती का दिए संकेत

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में इनकम टैक्स को लेकर बड़ा ऐलान किया था। आयकर रेट में कमी के बाद अब जीएसटी रेट्स कम होने वाली है। वित्त मंत्री ने खुद इस बात का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी की जीएसटी रेट और स्लैब को युक्तिसंगत बनाने का काम लगभग अंतिम चरण में है और जल्द ही रेट्स को घटाने का फैसला लिया जाएगा।

वित्त मंत्री ने क्या कहा?

बता दें कि वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने सितंबर 2021 में रेटों को युक्तिसंगत बनाने और स्लैब में बदलाव का सुझाव देने के लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) का गठन किया था। वित्त मंत्री ने कहा कि जीओएम ने बेहतरीन काम किया है, लेकिन अब इस चरण में मैंने एक बार फिर से प्रत्येक समूह के काम की पूरी तरह से समीक्षा करने का बीड़ा उठाया है और फिर शायद मैं इसे परिषद के पास ले जाऊंगी। तब विचार किया जाएगा कि हम इस बारे में अंतिम निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं या नहीं।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि दरों को तर्कसंगत बनाने पर कुछ और काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम इसे अगली काउंसिल की बैठक में ले जाएंगे। हम कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दों, जैसे दरों में कटौती, तर्कसंगत बनाने, स्लैब की संख्या पर विचार करने आदि पर अंतिम निर्णय लेने के बहुत करीब हैं।

डिमांड और खपत को बढ़ावा देने का दबाव

दरअसल, सरकार पर डिमांड और खपत को बढ़ावा देने का दबाव है जिसके लिए जीएसटी काउंसिल अब जीएसटी रेट्स में कटौती करने पर विचार कर रही है। ये माना जा रहा है कि सरकार 12 फीसदी के स्लैब वाले जीएसटी रेट को खत्म कर सकती है। इस स्लैब में आने वाले गुड्स को 5 फीसदी या जरूरत पड़ने पर 18 फीसदी के स्लैब में डाल सकती है। इस कवायद का मकसद जीएसटी रेट स्ट्रक्चर को तर्कसंगत बनाने के साथ खपत को बढ़ाना है।

जीएसटी के स्लैब की संख्या घटाने की डिमांड

दरअसल, लंबे समय से यह मांग उठ रही है कि जीएसटी के स्लैब में बदलाव किया जाए और दरों को तार्किक बनाया जाए। अभी जीएसटी के तहत टैक्स के चार स्लैब हैं। वे चार स्लैब 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी के हैं। कुछ लग्जरी व सिन आइटम पर अलग से सेस का प्रावधान है। जीएसटी के स्लैब की संख्या को 4 से घटाकर 3 करने की डिमांड उठती रही है।

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