ढाका । बांग्लादेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। इस बीच स्थानीय मीडिया के मुताबिक मंगलवार को छह जिलों में छह बच्चों के साथ बलात्कार की घटनाएं सामने आई हैं।
सोमवार को छह जिलों में बलात्कार के आरोप में कम से कम सात लोगों को गिरफ्तार किया गया। जिन बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न हुआ, वे सभी छह से चौदह साल की उम्र के हैं।
प्रमुख बांग्लादेशी समाचार पत्र ‘द डेली स्टार’ की रिपोर्ट के अनुसार, इन घटनाओं में से एक में, यौन उत्पीड़न की शिकार एक किशोरी ने स्थानीय मध्यस्थता बैठक के दौरान झूठा आरोप लगाए जाने और बदनाम किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली।
यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं ने बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को उजागर कर दिया है।
बांग्लादेश में हाल ही में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के खिलाफ महिला के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों को लेकर कई प्रदर्शन हुए हैं।
देश में महिलाएं बलात्कार के अपराधियों के लिए सख्त सजा और गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतरीं।
बांग्लादेश की स्थानीय मीडिया के अनुसार, देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों और शिक्षकों ने हाल की बलात्कार की घटनाओं के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने अपराधियों के लिए कठोर सजा की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान ढाका विश्वविद्यालय की प्रोफेसर तस्नीम सिराज महबूब ने गृह मामलों के सलाहकार को उनके इस्तीफे के बजाय बर्खास्त करने की मांग की, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने महीनों पहले इसकी मांग की थी।
देश के प्रमुख दैनिक ढाका ट्रिब्यून ने उनके हवाले से कहा, ‘इस्तीफा एक सम्मानजनक विदाई है। वह इस सम्मान के लायक नहीं हैं।’
शेख हसीना सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए पहले हाथ मिलाने वाले विभिन्न राजनीतिक संगठनों ने भी मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति और बांग्लादेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं की निंदा की।
यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को एक रैली को संबोधित करते हुए बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के वरिष्ठ संयुक्त सचिव रूहुल कबीर रिजवी ने आरोप लगाया कि देश में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और हिंसा की घटनाओं में वृद्धि वर्तमान प्रशासन की निष्क्रियता के कारण है।
रिजवी ने कहा, “मौजूदा अंतरिम सरकार के तहत यह स्थिति क्यों पैदा हो रही है? अगर प्रशासन ठीक से काम करता तो बलात्कार, हत्या, चोट और भ्रष्टाचार की घटनाएं नहीं बढ़तीं।” उन्होंने कहा कि अब वास्तविकता यह है कि देश में कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।
रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी के महासचिव मिया गुलाम परवार ने ढाका ट्रिब्यून से कहा, “महिलाएं और बच्चे आज कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं – चाहे वह बसों, ट्रेनों, लॉन्चों, कार्यालयों, घरों, स्कूलों या मदरसों में हो। देश में स्थिति अखबारों और मीडिया में दिखाई गई स्थिति से कहीं ज़्यादा खराब है।”