भोपाल: प्रदेश में शराब की गुणवत्ता की जांच अब केवल ग्वालियर स्थित आबकारी मुख्यालय की रसायनशाला तक सीमित नहीं रहेगी। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि जबलपुर, इंदौर और भोपाल के संभागीय आबकारी कार्यालयों में भी अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित रसायनशालाएं स्थापित की जाएंगी। यह घोषणा प्रदेश के आबकारी विभाग द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए जारी निविदा दस्तावेज में की गई है।
रेस्तरां बार को बढ़ावा, अहातों पर रोक जारी
प्रदेश सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में भी मदिरा दुकानों के अहातों में बैठकर शराब पीने की व्यवस्था बंद रखने का निर्णय लिया है। इसके स्थान पर नए रेस्तरां बार लाइसेंस जारी किए जाएंगे, जहां केवल बीयर, वाइन एवं रेडी-टू-ड्रिंक मदिरा उपलब्ध होगी, जिसका अल्कोहल स्तर 10% तक सीमित रहेगा। इस लाइसेंस की वार्षिक फीस सामान्य रेस्तरां बार लाइसेंस शुल्क का 50% होगी। ऐसे रेस्तरां बार का न्यूनतम क्षेत्रफल 1000 वर्गफीट होगा और इसे वातानुकूलित एवं कवर्ड रखना अनिवार्य होगा।
औद्योगिक इकाइयों के लिए नए नियम
अब मेडिकल उपयोग हेतु परिशोधित स्पिरिट के लाइसेंस एक वर्ष की बजाय पांच वर्षों के लिए जारी किए जाएंगे। साथ ही, अब तक केवल अंगूर और अन्य फलों से बनने वाली वाइन के दायरे को बढ़ाकर शहद से भी वाइन बनाने की अनुमति दी गई है।
व्यावसायिक आयोजनों के लिए लायसेंस व्यवस्था
अब बड़े व्यावसायिक आयोजनों के लिए भी मदिरा लाइसेंस उपलब्ध होंगे। इन आयोजनों के लिए निम्नानुसार लाइसेंस शुल्क निर्धारित किया गया है:
- 500 व्यक्तियों तक – ₹25,000
- 500 से 1,000 तक – ₹50,000
- 1,000 से 2,000 तक – ₹75,000
- 2,000 से 5,000 तक – ₹1,00,000
- 5,000 से अधिक – ₹2,00,000
रिसोर्ट बार के लिए नए मापदंड
नए नियमों के तहत, रिसोर्ट बार लाइसेंस उन्हीं आवेदकों को दिया जाएगा, जिनकी परिसंपत्तियां:
- नेशनल पार्क या वन इकाइयों की सीमा से 20 किमी के भीतर हों।
- नगर निगम सीमा से कम से कम 5 किमी दूर स्थित हों।
- नगर पालिका सीमा से 3 किमी और नगर परिषद सीमा से 1 किमी की दूरी पर स्थित हों।
ई-बैंक गारंटी होगी अनिवार्य
शराब ठेकेदारी हेतु अब केवल ई-बैंक गारंटी ही मान्य होगी। फिक्स डिपॉजिट या अन्य भौतिक गारंटी के विकल्प को समाप्त कर दिया गया है।
पवित्र स्थलों पर शराब की बिक्री प्रतिबंधित
प्रदेश सरकार ने 13 नगरीय एवं 6 ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की दुकानों को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है। इनमें शामिल स्थान हैं:
- नगर निगम: उज्जैन
- नगर परिषद: ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, अमरकंटक
- नगर पालिका: पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर
- ग्राम पंचायत: सलकनपुर, बरमानकला, लिंगा, बरमानखुर्द, कुण्डलपुर, बांदकपुर
इस नीति के तहत सरकार प्रदेश में शराब की गुणवत्ता सुधारने के साथ-साथ मदिरा नियंत्रण के प्रयासों को भी मजबूत कर रही है।