MP News: सात सालों में चार सरकारें बदली, पर अफसरों की रूचि नहीं होने से ई-आफिस प्रणाली पर नहीं शुरू हुआ काम

भोपाल: मध्यप्रदेश में पिछले सात सालों में चार सरकारें बदली, पर सबसे महत्वपूर्ण ई-आफिस प्रणाली पर काम शुरू नहीं हो पाया। 2018 में शिवराज सरकार में लागू करने की योजना बनी, 2019 में कमलनाथ सरकार में महज चर्चा होती रही। 2020 में फिर से शिवराज सरकार अस्तित्व में आई और 2023 में मोहन सरकार ने काम शुरू किया। ई-आफिस प्रणाली मप्र के ज्यादातर सरकारी कार्यालयों में अभी भी किसी शिगूफे से कम नहीं लग रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह अफसरों में काम करने की रूचि नहीं होना है।

काम-काज इसी प्रणाली पर होंगे। यह आदेश अभी महज मंत्रालय के लिए होगा, इसके बाद सभी संचालनालयों व प्रदेश भर में इसे क्रियान्वित किया जाएगा। दरअसल, अफसरों ने इस प्रणाली को लागू करने में कोई रूचि नहीं ली। इस वजह से मंत्रालय में आज तक ई-आफिस प्रणाली लागू नहीं हो पाया।

ई-आफिस प्रणाली की इस तरह से बनी थी रूपरेखा
सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने सबसे पहले मार्च 2018 में सभी विभागों को आदेश जारी कर ई-आफिस प्रणाली का क्रियान्वयन कराने को कहा था। उस वक्त जीएडी के कुछ सैक्सन को छोड़कर बाकी किसी भी विभाग ने कोई खास काम नहीं किया। जबकि इस कार्य के लिए बाकायदे राशि का अलाटमेंट किया गया था। इस राशि से कंप्यूटर से लेकर अन्य सामानों की खरीदी भी की गई। पर, अफसरों की रूचि नहीं होने की वजह से इस प्रणाली में कुछ खास प्रगति नहीं हो पाई। जीएडी ने बाद में जून 2019 में भी पत्र भेजकर स्मरण कराया, इसके बाद भी किसी ने कोई रूचि नहीं ली। वर्ष 2021 में भी इसी तरह का एक पत्र भेजा गया।

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