मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, 17 महीने बाद जेल से होंगे रिहा
नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। सिसोदिया, जिन्हें शराब घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों में 17 महीने से जेल में रखा गया था, अब जेल से बाहर आएंगे। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मनीष सिसोदिया को बिना सजा के इतने लंबे समय तक जेल में रखना उचित नहीं है। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि निचली अदालत ने ‘राइट टू स्पीडी ट्रायल’ यानी शीघ्र सुनवाई के अधिकार को अनदेखा किया है और मेरिट के आधार पर जमानत रद्द नहीं की थी। इस वजह से सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देने का फैसला किया। हालांकि, कोर्ट ने शर्त रखी है कि सिसोदिया को अपना पासपोर्ट जमा करना होगा ताकि वे देश छोड़कर न जा सकें।
मनीष सिसोदिया को दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति से जुड़े कथित अनियमितताओं के कारण 26 फरवरी, 2023 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। सिसोदिया पर आरोप था कि उन्होंने गोवा चुनाव के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से 45 करोड़ रुपये की राशि जांच के दौरान बरामद कर ली गई थी। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच के दौरान पाया कि सिसोदिया दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग के प्रभारी थे और सह-आरोपी विजय नायर को रिश्वत लेने का काम सौंपा गया था।
इससे पहले, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान, केंद्रीय एजेंसियों के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू ने अदालत को बताया कि उनके पास सिसोदिया के खिलाफ डिजिटल साक्ष्य हैं और रिश्वत की राशि की बरामदगी हो चुकी है।
सिसोदिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में दलील दी कि उनके मुवक्किल को बिना किसी ठोस सबूत के इतने लंबे समय तक जेल में रखा गया है, जो उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। सिंघवी ने इस आधार पर सिसोदिया की रिहाई की मांग की थी।
मनीष सिसोदिया ने इस मामले में सीबीआई और ईडी के खिलाफ निचली अदालत में क्रमशः 13 और 14 अर्जियां दाखिल की थीं, जिनमें जमानत की मांग की गई थी। हालांकि, निचली अदालत ने उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद मनीष सिसोदिया अब जेल से रिहा होंगे, लेकिन जांच अभी जारी रहेगी और उन्हें जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करना होगा। साथ ही, उन्हें देश छोड़ने पर रोक लगाई गई है और आगे की सुनवाई तक उन्हें अपने पासपोर्ट को जमा करना होगा।